बिहार के सियासत: लिट्टी-चोखा में मिली जेपी मूवमेंट के गरम मसाला के साथ!

अलोक सिंह, रेजिडेंट एडिटर बिहार
अलोक सिंह, रेजिडेंट एडिटर बिहार

बिहार के राजनीति मतलब एगो एहन थाली, जहाँ लिट्टी-चोखा के साथ कबो लालू जी के नमक घुलल बा, त कबो नीतीश बाबू के इमली!

नीतीश कुमार: कबूतर के चाल, बाज के नजर, आ गठबंधन बदलले के आदत!
नीतीश बाबू के राजनीति समझे के होखे, त बटन वाला रेडियो निकाल लीं — जेकर बटन घुमा के कबो NDA, कबो महागठबंधन सुनाई देला।
“सुशासन बाबू” कहल जाए लें, बाकिर गठबंधन के GPS उनकर अब तक चार बार सिग्नल खो चुकल बा।

जब राहुल मिले तेजस्वी से – और चुनावी रणनीति बनी Netflix Original!

लालू यादव: चारा घोटाला से चटनी तक, हर बार लौट के आवे लें!
लालू जी के राजनीति मतलब रेलगाड़ी – आब चलल ना त पुरान कथा में जरूर गूँजेला।
राबड़ी देवी से तेजस्वी तक, पूरा खानदान अब “RJD Family Pack” बन चुकल बा।
चारा घोटाला त पुरान बात भइल, अब त उ लोग “चटनी वाला न्याय” माँगे लागल बा!

भाषा की मर्यादा और भारतीय राजनीति के प्रवक्ता: अतीत बनाम वर्तमान

तेजस्वी यादव: IPL छोड़ के IRCTC घोटाला में बैटिंग!
भले बल्ला पकड़ल ना, बाकिर दिल्ली से पटना तक के CBI Yorker झेलत तेजस्वी यादव के बोलिंग के जवाब अब सोशल मीडिया पर “Bhaiya Bhaiya” वाला फॉर्मूला बन गइल बा।

बीजेपी: “घोषणा” में तेज, “संज्ञान” में धीर”
बिहार में भाजपा के हालत उ बच्चा नियर बा, जे हर क्लास में टॉपर बने के सपना देखेला, बाकिर रिपोर्ट कार्ड देख के कहेला, “पिछला सरकार के गलती बा!” कबो “डबल इंजन” त कबो “ट्रिपल झटका”, जनता हर बार पेट्रोल के रेट देख के ही सरकार पहचानेला।

बिहार के राजनीति में ना कोई दुश्मन स्थायी बा, ना दोस्त – सबकुछ लिट्टी-चोखा नियर, गरम गरम परोसल जाला, बाकी कब जल जाई – एकर कोई गारंटी ना!

अगर रउआ के ई पसंद आइल हो, तो अगिला बार के सियासी “रसगुल्ला” के flavor रउआ तय करीं!

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